अभियान थिएटर ग्रुप, भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज की ओर से एक से पांच नवंबर तक महायोगी गंभीर नाथ प्रेक्षागृह में पांच दिवसीय रंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां भी शामिल होंगी।

समारोह में रंगकर्मी सहित फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां नजर आएंगी। मशहूर अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, अभिनेता राजेंद्र गुप्ता और पीयूष मिश्रा के साथ संजय उपाध्याय, व्योमेश शुक्ला, आलोक पराड़कर के अभिनय को शहर के लोग साक्षात देखेंगे। समारोह में देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुकी प्रस्तुतियां दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।



नाटक : जीना इसी का नाम है



प्रसिद्ध अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी और ख्यातिलब्ध कलाकार राजेन्द्र गुप्ता द्वारा अभिनीत नाटक 'जीना इसी का नाम है' अर्बुजोव के मूल रूसी नाटक 'इयू सोमरसाल्ट से प्रेरित है। प्रसिद्ध निर्देशक एवं अद्वितीय प्रकाश डिजाइनर सुरेश भारद्वाज द्वारा निर्देशित यह नाटक आम जीवन की कशमकश में खुशियाँ ढूंढ लेने की रोचक दास्तान है।

नाटक : बिदेसिया



भोजपुरी भाषा के शेक्सपियर कहे जाने वाले महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर द्वारा लिखित 'बिदेसिया' बिहार की लोक नाट्यशैली का मानक है। संगीत, परिकल्पना और निर्देशन चर्चित रंग निर्देशक श्री संजय उपाध्याय का है, जिन्होंने इस नाटक का मंचन देश-विदेश में सैकड़ों बार किया है। पलायन की समस्या की मार्मिक संगीत प्रस्तुति भाव जगत को उद्वेलित कर एक नया आयाम गढ़ती है।

नाटक : अंधा युग


प्रसिद्ध हिन्दी लेखक धर्मवीर भारती द्वारा लिखित और एन०एस०डी० तथा लंदन इण्टरनेशनल स्कूल ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स, लंदन द्वारा प्रशिक्षित सुविख्यात निर्देशक जॉय मिताई द्वारा निर्देशित यह नाटक महाभारत के अंतिम दिन की गाथा है। सायको- फिजिकल (Psychophysical) स्टाइल का यह नाटक युद्ध और विनाश, करुणा और मानवता, हिंसा और एथिक्स का रोमांचकारी आख्यान है।


नाटक : राम की शक्तिपूजा

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महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित काव्य 'राम की शक्तिपूजा की रंग प्रस्तुति प्रसिद्ध निर्देशक व्योमेश शुक्ल की है। गोरखपुर रंग महोत्सव में इस नाटक की 94वाँ प्रस्तुति है। इसकी विशेष बात है कि मुख्य भूमिका लड़कियाँ ही निभाती है और यह प्रयोग रामलीला का काउण्टर प्रयोग है। युद्धरत राम का अवसाद और फिर शक्ति का संचार लोमहर्षक और भाव विभोर कर देने वाली सांगीतिक गाथा है।


नाटक : भूमि


प्रसिद्ध रंगकर्मी और नाटकों में सौन्दर्यशास्त्र, मनोविज्ञान और सामाजिक मुद्दों को एक उपकरण की तरह प्रयोग करने वाले प्रयोगधर्मी लेखक आशीष पाठक द्वारा लिखित और एन. एस. डी. से प्रशिक्षित स्वाती दूबे द्वारा निर्देशित "भूमि" महाभारत के वनपर्व की पृष्ठभूमि पर आधारित है। स्त्री कोई भूमि नहीं, यह स्थापना मिथकों, स्त्री-पुरुष संबंधों से होते हुए संपूर्ण मानव जाति को छूती है और निर्णय भविष्य पर छोड़ देती है। इंटेंस अभिनय से भरपूर यह प्रस्तुति रोमांचकारी है।